सोए ख्वाबों को तुम्हारे जगाने आया हूँ,मेरे सपने तेरे दिल में सजाने आया हूँ।

सोए ख्वाबों को तुम्हारे जगाने आया हूँ,मेरे सपने तेरे दिल में सजाने आया हूँ। कोई साजिश बो रहा है नफरत की तो हांभाईचारी की फसल को बचाने आया हूँ। तेरे बाद भी ये दुनिया ऐसे ही रहेगी,अहमियत तुम्हारी याद दिलाने आया हूँ। नासमझों तो भी उसे पार एक दुनिया है,नासमझों, मैं तुमको समझाने आया हूँ। …